Nojoto: Largest Storytelling Platform

-तुम्हें ढूँढ़ते हुए - मैं ढूँढने लगी हूँ अब..

-तुम्हें ढूँढ़ते हुए - 

मैं ढूँढने लगी हूँ
अब.. 
तुम्हारे साये की छींटे,, 
हर उपलब्ध साधन में
मेरी सीमित
परिधि के...

तुम्हारा मिलना
तुम्हारी अनुपस्थिति में
अब तय है प्रिय.. 

क्यों कि
अक्सर 
ढूँढने की
चाह में 
मात्राधिक प्रबलता
खींच ही लाती है
'असीमित और अपहुंच' को
दायरों में...

और सम्भवतः
तुम्हें ढूंढते हुए
ईश्वर का मिल जाना भी
.... 
.... 
🍁 _तयशुदा है।।_ 🍁

©KRISHNA #Pattiyan
-तुम्हें ढूँढ़ते हुए - 

मैं ढूँढने लगी हूँ
अब.. 
तुम्हारे साये की छींटे,, 
हर उपलब्ध साधन में
मेरी सीमित
परिधि के...

तुम्हारा मिलना
तुम्हारी अनुपस्थिति में
अब तय है प्रिय.. 

क्यों कि
अक्सर 
ढूँढने की
चाह में 
मात्राधिक प्रबलता
खींच ही लाती है
'असीमित और अपहुंच' को
दायरों में...

और सम्भवतः
तुम्हें ढूंढते हुए
ईश्वर का मिल जाना भी
.... 
.... 
🍁 _तयशुदा है।।_ 🍁

©KRISHNA #Pattiyan
shankarlal2621

KRISHNA

New Creator
streak icon432