नाम लेकर होंठो तक, तेरी हँसी जा रही है, दिल के उजड़े खंडहर में, ढूंढता हूँ कोई मकान सा,, धड़कने हवाओ सी हौले हौले बही जा रही हैं, पता ढूंढता हूँ अपने जख्मो पर मैं तेरे निशान का। #anaam_returns Dosto ummeed hain aapko hamari shayri pasnd aayegi, Psnd aaye to to like follow comment krna n bhule🤗🤗🍫