अपनी कोई निशानी।। निकले हो ज़िन्दगी की जंग मे, चाहत है तुम्हे देश के लिए कुर्बान होने की।। कहीं दूर चले ना जाओ हमसे कर ना लो अपनी मनमानी ।। (Rest in caption) मेरे पास छोड़ जाओ अपनी कोई निशानी।। निकले हो ज़िन्दगी की जंग मे, चाहत है तुम्हे देश के लिए कुर्बान होने की।। कहीं दूर चले ना जाओ हमसे कर ना लो अपनी मनमानी ।। मै रह लूंगी तुम्हारे यादों के सहारे, पर वो बूढ़ी आंखे जो हर पल,