मैं चाँद देखूंगा एक नहीं सौ बार देखूंगा दिल के एक कोरे कागज़ पर तेरे नाम का एक हर्फ़ लिखूंगा आसमान से बरसती बारिश की हर बूंदों में,मैं अक्स को खोजूंगा कौस-ए-कुज़ह की हसीन रंगों मेहराब के हर रंग में तुझ को खोजूंगा खिले हुए फूलों की खुशबू में मैं तेरी महक ढ़ढूग तेरे खनकते पायल कंगन की छनकार में।मैं तेरे आवाज़ को खोजूंगा मैं चाँद एक बार नहीं सौ बार देखूंगा। हर चाँद,तारे में तेरा अक्स बार बार देखूंगा #love#poet#poem#writer