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उज्जैन में मेरा जन्म हो ओंकारेश्वर में मैं पल जाऊं

उज्जैन में मेरा जन्म हो
ओंकारेश्वर में मैं पल जाऊं
खेलूं नागेश्वर के साथ और
मैं सोमनाथ सा ढल जाऊं
त्र्यंबकेश्वर से शिक्षा मिले
और भीमशंकर से बल पाऊं
गिरिशेश्वर से मुझे ज्ञान मिले 
और देख मल्लिकार्जुन को मैं 
भाव सागर से तर जाऊं
रामेश्वर से मुझे राम मिले
और वैद्यनाथ से विजय पाऊं
हो केदारनाथ में दिन आखिरी
और काशी में मैं मर जाऊं.....
और काशी में मैं मर जाऊं.....
-कृष्णामरेश

©Amresh Krishna #MaiAurMereMahadev
उज्जैन में मेरा जन्म हो
ओंकारेश्वर में मैं पल जाऊं
खेलूं नागेश्वर के साथ और
मैं सोमनाथ सा ढल जाऊं
त्र्यंबकेश्वर से शिक्षा मिले
और भीमशंकर से बल पाऊं
गिरिशेश्वर से मुझे ज्ञान मिले 
और देख मल्लिकार्जुन को मैं 
भाव सागर से तर जाऊं
रामेश्वर से मुझे राम मिले
और वैद्यनाथ से विजय पाऊं
हो केदारनाथ में दिन आखिरी
और काशी में मैं मर जाऊं.....
और काशी में मैं मर जाऊं.....
-कृष्णामरेश

©Amresh Krishna #MaiAurMereMahadev