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धूप है छाव है हां यही मेरा गांव है इन पेडो से हरिय

धूप है छाव है
हां यही मेरा गांव है
इन पेडो से हरियाली है
यहाँ की हवा बड़ी मतवाली है
जज्बातो से चलते
यहा प्यार से बच्चे पलते है
बह्स यहाँ तकरार भी है 
बड़ों का यह सत्कार भी है 
धूप यहा की बडी कडक है 
मसत यहा की बहार भी है
हां यही मेरा गांव हैं।।

©Rahul Panghal
  #गाँव