मुझे अंदाजा़ क्यों है श़ब- ए- हिजृ का? ब़सीरत इतनी भी अच्छी नहीं! दिन गुज़र गया बस ख़याल में, मोहोब्बत इतनी भी अच्छी नहीं! हाँथ पकड़ के तुम मेरा अब पछतावा क्यों करते हो? मान भी जाओ यार, सियासत इतनी भी अच्छी नहीं!! Bas ek khayaal! #love #pyaar #shayar #quotea #story #rhyme #dil #kavyapankh4