प्रेम क्या है आत्मा का मिलन जिस्म की चाहत या दो मीठे बोल फिर नहीं प्रेम और कुछ नहीं प्रेम एक अंश है खुद को समर्पित कर देने का भाव है विछोह में मिल रही ढेरों यातनाओं के बीच उसके क्षणिक एहसास मात्र से खुद को फिर से जीवित कर लेने का भाव है प्रेम।। और मेरे लिये प्रेम कविता है जिसमें तुम सदा जीवित हो विछोह से परे एक अंश के रूप में यानी प्रेम और कुछ नहीं सिर्फ एक अंश है।। प्रेम क्या है।। #प्रेम #अंश #विछोह #yqdidi #yourquotedidi #yqhindi