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इक यह ज़िद्द है मेरी , जो कहती है तू चाहिए , और इक

इक यह ज़िद्द है मेरी , जो कहती है
तू चाहिए ,
और इक मेरी समझ है, जो पूछती हैं
क्यों चाहिए?
क्या एक बार का दर्द, तेरे लिए काफी नहीं
जिससे उम्मीद ना थी, उसने की ये खता
जिसकी कोई माफी नहीं
तू क्यों बनने को आमादा है , वोह नाव
जिसका कोई सांकी नहीं
अरे , वोह तो 
वो नदी है , जो किनारे की ओर कभी झांकी नहीं
तो जाने दे ,
जाने दे , जो जा रहा है
तू क्या परिवर्तन के पहिए को रोक पायेगा
तूं ठहरा मुसाफिर , वोह बादल को झोंका 
उसे गुजरना है , वोह गुज़र ही जाएगा ,,,, जाने दे अब ,,,,,,
#nojotowrites
इक यह ज़िद्द है मेरी , जो कहती है
तू चाहिए ,
और इक मेरी समझ है, जो पूछती हैं
क्यों चाहिए?
क्या एक बार का दर्द, तेरे लिए काफी नहीं
जिससे उम्मीद ना थी, उसने की ये खता
जिसकी कोई माफी नहीं
तू क्यों बनने को आमादा है , वोह नाव
जिसका कोई सांकी नहीं
अरे , वोह तो 
वो नदी है , जो किनारे की ओर कभी झांकी नहीं
तो जाने दे ,
जाने दे , जो जा रहा है
तू क्या परिवर्तन के पहिए को रोक पायेगा
तूं ठहरा मुसाफिर , वोह बादल को झोंका 
उसे गुजरना है , वोह गुज़र ही जाएगा ,,,, जाने दे अब ,,,,,,
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