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यूं ही शिकायत रही उससे कितना बदल गया वों शख्स जब र

यूं ही शिकायत रही उससे
कितना बदल गया वों शख्स
जब रखा खुद को दर्पण में 
सारे गिले-शिकवे मिट गये
दर्पण भी मुस्कुराया देखकर
कितना बदल गया रे अनिल..

यह बदलाव ही तो प्रकृति है
फिर बदलें हुए हालात देख
मत घबराया कर मुसाफिर..

सफ़रे-जिंदगी में ठहराव ही
इन साँसों का टूटकर मृत्यु है..

©Anil Ray
  #death
anilray3605

Anil Ray

Bronze Star
Growing Creator