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कुछ दूर चलो तो सही फिर भले ठहर जाना, अभी लड़खड़ा ल

कुछ दूर चलो तो सही फिर भले ठहर जाना,
अभी लड़खड़ा लो बाद में भले सम्भल जाना।
यहाँ नहीं कोई आ रहा टोकने को,
कोई नहीं आ रहा हाथ पकड़ रोकने को।
कुछ दूर चलो तो सही फिर भले ठहर जाना,
अभी लड़खड़ा लो बाद में भले सम्भल जाना।
कोई गीत गुनगुना लो अभी,
कल सुबह चाहे तुम सब सुर भूल जाना।
अभी साथ हूँ  तो जो कहना है कह दो,
कल सुबह चाहे तुम अपनी ही कही बात से मुकर जाना।
कुछ दूर चलो तो सही फिर भले ठहर जाना,
अभी लड़खड़ा लो बाद में भले सम्भल जाना।

©Ashish Mishra
  #कुछदूरचलो