कारी बदरिया, रिम झीम बरसे, सूनी लागे पनघट बैरन को। रटत रहत नित श्याम पिया को, सखि हमारी दसा बिरहन को ।। #सुजीतकुमारमिश्राप्रयागराज ©poetsujeet #poetsujeet #श्याम #बिरहन