टूटते साँसों से, घर-बार उजड़ता जा रहा है हत-प्रभ है संसार, ये क्या होता जा रहा है दामों में बिकती सांसें आज है रो रही करके बयां इंसानियत की कहानी, जो है सो रही डरते नहीं जो ख़ुद के मरते जमीर से कितना गिरेंगें वो मन के तामीर से कालाबाजारी की उम्र है बढ़ रही इंसानों की उम्र है उनसे दूर हो रही जीवन-मरण तो संसार का नियम है पर छल-लोभ में साँसों का सौदा, हे मानव ! क्या ये सच्चा जीवन है ? #कोरोनासंदेश #कोरोनामेंकालाबाजारी एक ओर कोरोना वारियर्स जीवन बचाने के कार्य में सब कुछ त्याग कर के लगे हुए हैं वहीं दूसरी ओर लोग हैं जो कालाबाजारी से बाज़ नहीं आते। भगवान सद्बुद्धि दे उन्हें कि वे ऐसा न करें। बिना जीवन के पैसों का कोई मोल नहीं है। हर एक सांस की कीमत है आज, ऐसे न बेचें उसे । Its heart wrenching to see the pain of people around. Sufferings are unending. People are struggling for bread, breath and life. Our corona warriors are the real heroes who are selflessly working day & nig