तप रही है जमीं तप रहा ये आसमां धधक रही है धड़कने धधक रहा सारा जहां ये तो बता तू ओ मेरे मन ... 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 कैसा ये कैसा बन रहा है ये जहां ना मन में है लगन ना मन में है उमंग हर किसी की जुबां पे है कटू व्यंग कैसा ये कैसा हो रहा अट्ठाहस है ओ मेरे मन ओ मेरे मन ..... 💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓 जवानी की कैसी है ये कहानी तू बता क्यों बदल रही है जवानी की कहानी तू ये बता .. बनाया है जिसने ये जहां उसकी है क्या खता ... पूछ रहा है ये शमां पूछ रही है ये कलम .. ओ मेरे मन ओ मेरे मन .. 💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝 कौन है वो कौन है बदल रहा है जो धरा का चलन ओ मेरे मन ओ मेरे मन .... ..... ✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍ .... ( खेत से आते हुए जन्मी शब्द-श्रृंखला ) (सांग ट्यून -- बाहुबली १) २२-६-२०१७ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा 'बेधड़क' तप रही है जमीं तप रहा ये आसमां धधक रही है धड़कने धधक रहा सारा जहां ये तो बता तू ओ मेरे मन ... 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 कैसा ये कैसा बन रहा है ये जहां ना मन में है लगन ना मन में है उमंग हर किसी की जुबां पे है कटू व्यंग कैसा ये कैसा हो रहा अट्ठाहस है