Nojoto: Largest Storytelling Platform

नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता का सभी भक्तज

नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता का सभी भक्तजन प्रेम पूर्वक पूजन करते हैं।
वात्सल्य की मूर्ति स्कंदमाता की पूजा करने से संतान योग की प्राप्ति होती है।

सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी भक्तों को सदा ज्ञान और मोक्ष प्रदान करने वाली है।
पार्वती, माहेश्वरी, देवी गौरी, पद्मासना देवी और विद्यावाहिनी दुर्गा भी कही जाती हैं।
 
भगवान स्कंद अर्थात कार्तिकेय की माता होने के कारण स्कंदमाता के नाम से जानी जाती हैं।
देवासुर संग्राम में स्कंद देवताओं के सेनापति बने इसी कारण इन्हें कुमार व शक्ति कहा गया।

स्कंद गोद लिए दाई भुजा में, कमल पुष्प किए दो भुजाओं में वर मुद्रा वाली चतुर्भुज धारी हैं।
गौर वर्ण सम कांति वाली, कमल के आसन पर विराजमान हैं और सिंह की सवारी करती हैं ।

सबके मन की बात जानने वाली हैं और सारे ही जगत की माता स्कंदमाता कहलाती है।
कालिदास द्वारा रचित रघुवंश और महाकाव्य मेघदूत, मां की कृपा से ही संभव हुए थे ।

मूढ़ भी ज्ञानी हो जाता है स्कंद माता शारीरिक जीवों में नवचेतना का निर्माण करती है।
भवसागर से पार उतारती मनोवांछित फल देने वाली माता परम सुखदाई हितकारी है।       #yqbaba #yqdidi  #myquote #openforcollab  #collabwithmitali #नवदुर्गा_के_नौ_स्वरूप #maa_skandmata_namah


Time limit till 11:59 pm tonight...
No word limit
You have to maintain these hashtags
Kindly keep the bell icon on to get recent updates...
Results will be out tomorrow along with new topic...
नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता का सभी भक्तजन प्रेम पूर्वक पूजन करते हैं।
वात्सल्य की मूर्ति स्कंदमाता की पूजा करने से संतान योग की प्राप्ति होती है।

सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी भक्तों को सदा ज्ञान और मोक्ष प्रदान करने वाली है।
पार्वती, माहेश्वरी, देवी गौरी, पद्मासना देवी और विद्यावाहिनी दुर्गा भी कही जाती हैं।
 
भगवान स्कंद अर्थात कार्तिकेय की माता होने के कारण स्कंदमाता के नाम से जानी जाती हैं।
देवासुर संग्राम में स्कंद देवताओं के सेनापति बने इसी कारण इन्हें कुमार व शक्ति कहा गया।

स्कंद गोद लिए दाई भुजा में, कमल पुष्प किए दो भुजाओं में वर मुद्रा वाली चतुर्भुज धारी हैं।
गौर वर्ण सम कांति वाली, कमल के आसन पर विराजमान हैं और सिंह की सवारी करती हैं ।

सबके मन की बात जानने वाली हैं और सारे ही जगत की माता स्कंदमाता कहलाती है।
कालिदास द्वारा रचित रघुवंश और महाकाव्य मेघदूत, मां की कृपा से ही संभव हुए थे ।

मूढ़ भी ज्ञानी हो जाता है स्कंद माता शारीरिक जीवों में नवचेतना का निर्माण करती है।
भवसागर से पार उतारती मनोवांछित फल देने वाली माता परम सुखदाई हितकारी है।       #yqbaba #yqdidi  #myquote #openforcollab  #collabwithmitali #नवदुर्गा_के_नौ_स्वरूप #maa_skandmata_namah


Time limit till 11:59 pm tonight...
No word limit
You have to maintain these hashtags
Kindly keep the bell icon on to get recent updates...
Results will be out tomorrow along with new topic...