जिनको हम अपना समझते थे, वो भी अब पराये हो निकले, इस कम्बखत दुनिया के,वो भी एक छाए हो निकले, और को कहते थे, रंग बदलना उनकी फितरत में नहीं, समय आने पे पता चला वो तो गिरगिटों के साए हो निकले। #पराये #अपने #गिरगिट #रंग #प्यार #विश्वास #भरोशा #फितरत