एक कलि देख, गया था काँप मैं
कुछ घटित होगा गया था भाँप मैं
वो "कहती" गई मैं सुनता गया
शब्दों से 'सपनें' को बुनता गया
जब देखा 'अकेला हूँ' आस-पास
जा खड़े हुए लेकर 'गुलाब' खास
दे दिया खिला- ताजा 'गुलाब' मैं
वो हँसी खिल उठा 'अनायास' मैं #मुहब्बत#Gulaab#अनुषी_का_पिटारा#kali_ban_khili#अदभुत_एहसास