नारी शक्ति का करो सदा सम्मान, नारी है जग में सबसे महान। हर तकलीफ को हंसकर सहती, रखती सदा चेहरे पर मुस्कान। वात्सल्य से भरी ममता की मूरत, नारी धरा पर सबसे खूबसूरत। अद्वितीय, अप्रतिम ईश्वर की अद्भुत कृति, सहनशीलता की मूरत। जिम्मेदारियां उठाती, सारे फर्ज निभाती, हर रूप को बखूबी दर्शाती। मां, बेटी, बहन और कभी पत्नी बनकर, सदा सब पर प्रेम बरसाती। नारी ही शक्ति, नारी ही भक्ति, नारी ही जग के सृजन का आधार है। नारी बिन सब सूना है जग में, नारी से ही खुशियों का सारा संसार है। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫प्रतिस्पर्धा में भाग लें "मेरी रचना✍️ मेरे विचार"🙇 के साथ.. 🥇"मेरी रचना मेरे विचार" आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों का प्रतियोगिता:-०५ में हार्दिक स्वागत करता है..💐🙏🙏💐 🥈आप सभी ८ से १० पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। विजेता का चयन हमारे चयनकर्ताओं द्वारा नियम एवं शर्तों के अनुसार किया जाएगा।