कुछ कह गए कुछ सह गए कुछ कहते कहते रह गए,!! इस छपने छुपाने के खेल में जाने कितने रिश्ते डह गए,!! कुछ समझ गए कुछ समझा गए कुछ नसमझी करते रह गए,,!! तूफान की आहट सुनकर ही कुछ बिन बरसात बह गए,!! ✍✍✍✍ ©Er.Amit Kumar # सूफियाना