काली चादर ताने ये रात भयावह लग रही थी, अपना कलेजा थामें एक माँ रात में जग रही थी, नींद उसे अपने आगोश में लेने के लिये खड़ा था, लेकिन उस माँ का भी दर्द बहुत बड़ा था, उसके मन से रोने की आवाज़ सुनाई दे रही थी, उसके मुख पर चिंता साफ़ दिखाई दे रही थी, ऐसा लग रहा था मानो उसका संसार उजड़ गया था, उसे अपने पास बुलाने मौत भी आगे बढ़ गया था, उस रात में कोई था जो अपना सबकुछ खो रहा था, उस माँ का कलेजा फूट फूट कर रो रहा था, वो स्याह रात डायन की तरह सब निगल रही थी, वो माँ उस रात तिल तिल करके मर रही थी, वो मंज़र देख कर मेरा कलेजा भर गया था, जब पता चला मुझे कि उस माँ का बेटा मर गया था, उस रात उस माँ के दिल में अरमान मर रहा था, पता चला उसका बेटा अपने देश के लिए लड़ रहा था, तिरंगे में लिपट कर उसके बेटे की लाश आई थी, शायद, यही उसके बेटे की जीवन भर की कमाई थी, देश के लिए अपनी ज़िन्दगी क़ुर्बान करे, ऐसा इंसान कहाँ है, दिल थामें वो माँ कहती है, अभी तो मेरा दूसरा बेटा भी जवां है, वो मंज़र सोंच के अब भी रुक जाती हैं मेरी साँसें, सोंचता हूँ इन सरहदों पर कब तक उठती रहेंगीं लाशें, ये 'दीपक' चाहता है ऐसे एक कल का होना, जब किसी माँ को नहीं होगा अपना बेटा खोना। ©दीपक चौधरी #indiansoldiers #maa #meradesh #qurbaani #dard #nojotohindi #nojoto