मुझसे नज़रें मिला लेते, खताएं मेरी माफ करके, गिले शिकवे भुला लेते, फिर से एक होकर हम, चिराग-ए-मोहब्बत जला लेते, हमसफर-ए-राही बनकर, हर ख्वाव मुकम्मल पा लेते। बिछड़ने से ज़रा पहले....... एक कहानी जिसका ज़िक्र नहीं हो पाता कभी, जो बिछड़ जाने के बाद भी चलती रहती है। #बिछड़ना #collab करें #yqdidi के साथ। ... #चिराग_ए_मोहब्बत #हमसफर_ए_राही हिंदी साहित्य प्रेमी फ़ॉलो करें YQ Sahitya #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi