तो बस हुआ कुछ यूँ की मोहब्बत उससे ज्यादा, मुझे उसकी हर मर्ज़ी से थी , सफर भी कुछ ऐसा रहा की उसका साथ कुछ ऐसा मिला जिसमे मेरे लिए नामर्जी ही रही ! शायद तबसे ही मेरे दरवाज़ें से चाहत की दस्तक रूठी हैं, इतनी एकतरफा हैं की मेरी दास्तान अब खुद भी मुझे लगती झूठी हैं !! एक ना पे भी वो अब निभा गए , शायद रज़ामंदी को भी एक बार सोचना पड़ जाए! #onesidedlove #nojotooriginalshindi #life