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रात गई बात गई, फिर भी क्यों ना तेरी आस गई. ख्वाब

रात गई बात गई, 
फिर भी क्यों ना तेरी आस गई. 
ख्वाब बुने आख खुली, 
फिर मिलने की ख्वाईश बन सी गई. 
कुछ तो बात जरुर है तुझमे, 
युही ना तेरी चाह हुई.

©Gayatri Modhave #दिलकीबाते
रात गई बात गई, 
फिर भी क्यों ना तेरी आस गई. 
ख्वाब बुने आख खुली, 
फिर मिलने की ख्वाईश बन सी गई. 
कुछ तो बात जरुर है तुझमे, 
युही ना तेरी चाह हुई.

©Gayatri Modhave #दिलकीबाते