हूँ मैं आज की नारी (अनुशीर्षक में पढ़ें) हूँ मैं आज की नारी हाँ, हूँ मैं आज की नारी नहीं मान सकती मैं हार ना करने दूँगी अत्याचार किसी को खुद पर नहीं कर सकता कोई मेरा व्यापार सदियों से पीड़ा मैं सहती आई