नदियों की महिमा नदी गौरवशाली संस्कृति का बड़ा हिस्सा, वेद ग्रंथों में वर्णित मिलता इनका किस्सा। सभ्य सभ्यता में नदियों को पूजा जाता है, मानवता का नदियों से जीवन का नाता है। भूलें गए हम नदियों की महान संस्कृति को, प्रदूषण कर बदला पावन सी प्रकृति को। मां सी पावन निश्छल ममता मयी नदियां, जीवों की सेवा करते बीत गई कई सदियां। अमृत सा पावन जल बहता रहता प्रतिपल, प्यास बुझाकर के मन को कर देता शीतल। धारा पे नदियों से फैला सौंदर्य हरियाली है, नदियों के बिना धरती बंजर बन जानी है। भाग्यवान है वे मानव जो बसे नदी किनारे, बीत जाता जीवन सुखमय इन्हीं के सहारे। फिरसे नदियों की महिमा का गुणगान करे, वक्त आ गया अब ना इनका अपमान करे। हम संकल्प लेकर नदियों का उत्थान करें, प्रदूषण से मुक्त कर खुद पर उपकार करे। #नदियों की महिमा