एक आवरण जिसने धरती को सुरक्षित रखा है अपने घेरे मे जो फलता फूलता है हरियाली मे दम घुटता जिसका प्रदूषण के अंधेरे मे हरे भरे पेड़ों को देख जिसकी तबीयत संवरती है जब वो साफ स्वच्छ होता तो स्वर्ग बन जाती धरती है शामिल है इसमे पेड़ पौधे सब जीव जंतु नदियां पर्बत सृष्टि ही समाहित है जल थल नभ तक है विस्तृत यह आवरण ही है पर्यावरण या कहें कि धरती का सुरक्षा कवच मत करो प्रदूषण का छिद्र इसमे रखो सदा साफ़ और स्वच्छ पेड़ लगाओ हरियाली लाओ फल फूल और छाँव के साथ सांसे इनसे मुफ्त मे पाओ फिर लगाओ प्रदूषण पर रोक कारखानों और वाहनों का धुंआ देता है जीते जी दम घोंट कारगर कदम उठाओ और मत करो प्रकृति पे चोट व्यर्थ मे ना कचरा फैलाओ साफ सफाई सीखो रखना नदियों को ना दूषित करो जल का मोल समझो हे इंसा ना मारो मासूम जीवों को वो भी पर्यावरण का हिस्सा है कोई कल्पना या परीकथा नहीं यह हमारे ही जीवन का किस्सा है। ©Anita Agarwal #विश्व पर्यावरण दिवस #5 june