आज के हालात सियासत का जंगल उलझे हुए तार ,पुरानी इमारत जगह जगह दरार । कत्ल होकर पड़ी हैरात भर से लाश बेगुनाह हवालात मेंमुजरिम फरार । कोई करे हिन्दूकोई करे मुस्लिम आग लगे पेट कोनिकालो तलवार । महंगा है राशन पानी भी मोल सस्ता ज़मीर है सस्ते हथियार । पटरी पे आती नही ज़िन्दगी ये घर ने ही कैद है होके बेरीज़गार । शहर की सारीचकाचौंध झूटी सूली पे लटके अच्छे कलाकार । मानवता का दुनिया मेही रहा बलात्कार भूल जाओ यारो अब कोई चमत्कार । राजू थापा #सियासत का जंगल