आलोचना आलोचना महज़ एक दुर्घटना है, हमारे संतोष और असंतोष के बीच, हमारे स्वार्थ और त्याग के बीच। आलोचना करना बुरी बात नहीं है लेकिन सकारात्मक पहलुओं और संभावनाओं को ताख पर रखना भी अच्छी बात नहीं है। एक नकारात्मक आलोचना हमें दलदल में धकेलने के सिवाय कुछ नहीं करती है। ©Avinash Mishra #अविनाश_मिश्र #thought #philosophy #Criticisms