शख़्स_मैं_कैसा दहक रही है जो आग मुझमें तू ताप आके वो सेक ले, शीतल वो चंद्रमा की शीत को समेट दे, खड़ा मैं उस पार हूँ किनारे को तू खींच ले, बीज मैं एक आम-सा तू आके मुझको सींच दे, शख़्स मैं कैसा मैं ना जानता शख़्स मैं कैसा मैं ना जानता करीब आ मेरे.....दूरी वो समेट दे एक रोज मिल मुझे जन्मों का सफर लिए एक रोज मिल मुझे जन्मों का सफर लिए...!! ©Puja Shaw #Fire #Nojoto #nojotohindi #whatiam #life #positivity