मानव का तुम रूप धरो, जग -जीवन का कल्याण करो, तुम ही नारी की लाज धरो, आओ पधारो धरती पर || जग जीवन का कल्याण करो शुभ्र, मंजुल कीर्ति विस्तार करो, अबला में शक्ति प्राण भरो, आओ पधारो धरती पर || तुम नई सृष्टि का सृजन करो नव पुनीत कर्म शुभारंभ करो, कलयुग को द्वापर में परिणत करो , आओ पधारो धरती पर || कर्णो में मधुर मुरली तान भरो जित गोपियाँ उतने श्याम बनो, बृज -धरणि को पावन करो, आओ पधारो धरती पर || पूर्ण सृष्टि का भ्रमण करो, हे महीपति !मही का वहन करो, आ, वसुधा को कंस रहित करो, आओ पधारो धरती पर || "स्मृति "..... #nojoto #आह्वान गीत