ढूंढने निकले हैं उस शख्स को गाता था जो कभी नगमे प्यार के कभी इस ठहर तो कभी उस ठहर कायदे बंधन उसे लगते संसार के बेखौफ-बेखबर-बेपरवाह-बेहिचक वक्त वो काटता परिश्रम की धार से आज मुंह लटकाए क्यूं कैद चारदीवारी में उठ खड़ा हो 'भुवनेश' सुन मंजिल पुकार दे कुछ न कुछ तो ढूँढ रहे हो आख़िर क्या ढूँढ रहे हो! #ढूँढनेनिकले #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #भुवनेश #yqbaba #yqhindi #hindi