हर वक़्त हर पल कहते कुछ खास ये तारे हँसी आँसू द्वेष के मिश्रण का आभास ये तारे। पल पल की अपनी हरकतो पर गौर कर जरा वर्तमान में ही तेरे कर्मो का इतिहास ये तारे। पढ़ ले मन भरकर चाहे जितना ग़ालिब या प्रेमचंद तु कर्मरूपी कलम से ही लिखेंगे कोई उपन्यास ये तारे। हो जाये जब भी कोई भुल किसी से, कोई अपनाये और किसी को लगे की है कितने बकवास ये तारे । जब जन्म से ही जुड़ी तू इन रहस्यों से अश्लेषा है तुझी पर निर्भर की है साथी या है तेरे दास ये तारे । तारे!! #stars #तारे #कर्म #nojoto