जहाँ होती थी मौसिक़ी नज़रों की बजता था संगीत धड़कनों का दाद उठती, गिरती नज़रे देती थी और सजती थी महफ़िल कहीं भी ,कभी भी..... वो महफ़िलें नहीं रहीं, वो लोग भी नहीं रहे... #महफ़िलें #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi