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उन खेतों से फसल जुदा हो रहे थे, धरती को यूं बेचैनी

उन खेतों से फसल जुदा हो रहे थे, धरती को यूं बेचैनी सी होती गई जैसे कोई अपना उसे यूं छोड़ जा रहा शायद इसी लिए तो तप जाती हैं वो, सूरज यूं दिलासा दिया करता हैं फिर एक मुलाकात होगी किसी अपने बिछड़े हुए से और फिर धरती मुस्कुरा उठती हैं
और लोग इसे मानसून नाम दे देते हैं

©DEV MISHRA.
  #Rajkapoorबचपन #kuchbaateindilki💕💕
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DEV MISHRA.

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