वो जाने किस ख़ता की सज़ा दे गया मुझे मैं एक चराग़ थी वो हवा दे गया मुझे हालाकि देखने में वो मासूम था बहुत मैने वफ़ा जो मांगी जफ़ा दे गया मुझे रुसवाइयों ने घर से निकलने नही दिया यूं मेरी चाहतों का सिला दे गया मुझे मुस्कान बदनसीबी का आलम तो देखिए मैं जिसको चाहती थी दग़ा दे गया मुझे muskan Sharm ©मुस्कान शर्मा #Silence tuta dul