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तन्हाई के आलम में.. जब आंखें ख़्वाब सजाती हैं, तस्

तन्हाई के आलम में..
जब आंखें ख़्वाब सजाती हैं,
तस्वीर तुम्हारी ही नज़र आती है।
अंखियों से बरसातें होती हैं,
जब तुमसे मुलाकातें होती हैं।
कितनी चुप्पियां टूटती हैं,
जब धड़कनें बोल उठती हैं।
तुम मंद मंद मुस्काते हो,
ख़ुद पर क्यों इतना इठलाते हो।
तुम्हारे सामीप्य का एहसास,
दिल में उमड़ते हैं जज़्बात।
तेरे ख्यालों में जब हम डूब जाते हैं,
बिन बारिश तरबतर हो जाते हैं।
हमें ख़ुद से सराबोर कर जाते हो,
हमारे तस्ववुर में तुम नज़र जब आते हो।
रचना शर्मा "राही" #तन्हाईकेआलममें #yqbaba #yqdidi #yqchallenge #yqtales #yqquotes #yqthoughts #yqdiary
तन्हाई के आलम में..
जब आंखें ख़्वाब सजाती हैं,
तस्वीर तुम्हारी ही नज़र आती है।
अंखियों से बरसातें होती हैं,
जब तुमसे मुलाकातें होती हैं।
कितनी चुप्पियां टूटती हैं,
जब धड़कनें बोल उठती हैं।
तुम मंद मंद मुस्काते हो,
ख़ुद पर क्यों इतना इठलाते हो।
तुम्हारे सामीप्य का एहसास,
दिल में उमड़ते हैं जज़्बात।
तेरे ख्यालों में जब हम डूब जाते हैं,
बिन बारिश तरबतर हो जाते हैं।
हमें ख़ुद से सराबोर कर जाते हो,
हमारे तस्ववुर में तुम नज़र जब आते हो।
रचना शर्मा "राही" #तन्हाईकेआलममें #yqbaba #yqdidi #yqchallenge #yqtales #yqquotes #yqthoughts #yqdiary