White देश में अपराध ऐसे चल रहे हैं बेगुनाहो के यहां घर जल रहे हैं। अजी कैसे बचेगी बेटियां आबरु बलात्कारी कैद से निकल रहे हैं। और उनके भी स्वागत में यहां ढोल-बाजे फूल-माला डल रहे हैं। रो रही है रोज मांएं चीख-चीख उनके बेटे सीमाओं पर मर रहे हैं पूछता है मांग का सिंदूर यूं क्यों ये आतंकवादी हमला कर रहे हैं पेट भरना भी हुआ मुश्किल यहां प्याज मिर्ची 100 के पार चल रहे हैं मजदूर कैसे खाएगा बादाम शेक वस्तुओं के दाम यूं उछल रहे हैं। लूट लेते दिनदहाड़े राहगीर को हो रहे सरेआम कत्ल रहे हैं फस गया फिरदौस होकर बेगुनाह पुलिस वालों को भी हफ्ते मिल रहे हैं। ©Vijay Vidrohi देश_के_हालात #sad_quotes #my #new #poem #poetry #love #india #thinking #viral #shayri hindi poetry poetry lovers poetry in hindi poetry quotes urdu poetry