उसने तो बनाकर भेजा था तुम्हें एक पाक सी रूह.. तुम्हारे ही कर्मों ने ये ऊंच-नीच ये जात-पात पैदा किए, ये मज़हब के बंटवारे के तो तुमने हालात पैदा किए.... ख़ुदा ने कब जहां में यह ज़ज़्बात पैदा किए?? इंसान के रूप में तुम ख़ुद को दरिंदा बना लिए.. माँस नोंचने वाला वहशी ख़ुद को परिंदा बना लिए.. एक-दूजे के लहू की तुम दिलों में प्यास पैदा किए.. ख़ुदा ने कब जहां में यह ज़ज़्बात पैदा किए?? मंदिर-मस्जिद के नाम पर तुम लड़ने को आतुर हो गए, धर्म,जात के नाम पर क्यू तुम इतने मग़रूर हो गए.. उस मालिक की तो सबसे सुंदर रचना थे इंसानों तुम, फ़िर क्यों आपसी रंजिश में तुम ख़ुदा को नाराज़ कर दिए?? ख़ुदा ने कब जहां में यह ज़ज़्बात पैदा किए?? ये मज़हब के बंटवारे के तो तुमने हालात पैदा किए.... *आदित्य व्यास "आदि..✍️"* *Insta:- @No.1_Aaditya* ©Aadi #aadi❤️🦁