लोग मेट्रो में पूरे पैसे देखकर बैठते और बड़े ही खुश होते और जब रिक्सा में बैठते हैं तो फिर न जाने क्यों मोल भाव करते हैं, जबकि रिक्सा खून से चलता और मेट्रो बिजली से। सोच कितनी छोटी हैं