तेजस रूप लिए प्रभु, द्वार मेरे आना नाथ तमस अंतस का, सूरज बन मिटाना। तेजस..... अंदर सरिता में जब, बाढ़ सी आती है आशाओं का मर्दन, नित्य कर जाती है ले वारि मेघ से तुम, छटा प्रिय बिखराना तेजस.... तेजस रूप