इश्क़ करके तुम से मशहुर हो गए। तमन्ना थी उम्र भर साथ रहने कि, पल भर में ही दुर हो गए। ऐ माना दिल को कैद किया था तुमने इश्क़ के कैद खाने मे तेरे जिगर के कैदी हम जरूर हो गए। तेरी वो बाते, कसमे जिगर को चाक कर जाती हैं , जब तेरी याद आती है। मानो ऐ सब मेरे जिंदगी के फ़ितूर हो गए, मुहब्बत में हमने सपनो का शिशमहल बनाया था, एक शख्स के रुठने कि वजह से चुर चुर हो गए। सच तो ऐ है चुराई थी मुस्कुरा के तुमने दिल मेरा ये दिल टुटने के बाद तुम कैसे बेकसूर हो गए। इंकार करके तुम मेरे मुहब्बत को दुनियां के सामने.. इसमत मुझे सेब ही रहने दिया और तुम अंगूर हो गए। इश्क़ करके तुम से मशहूर हो गए अबु सुफियान ""इसमत "" डेहटी ककोड़वा जिला अररिया बिहार इश्क़ करके तुम से मशहूर हो गए