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लबो पे खमोशी आैर आखोँ मे खुमार छाया है। खैर, खबर न

लबो पे खमोशी आैर आखोँ मे खुमार छाया है।
खैर, खबर ना आये वे कभी,
 पर उनकी याद ने बडा रुलाया है।
आंखों की टपकन को कोई पूछें तो,
 मेरी इस  मायुशी का राज कोई बूझे तो,
जख्म पे जख्म अत्फ होते है।
बिखरे बिखरे से दिन और रातों में रोते हैं।
आहट करती है मुस्कुराहट उसकी,
पल-पल फिक्र में जिक्र का साया है।
लबों पर खामोशी और आंखो में खुमार छाया है।

©Kumari Laxmi #kumarilaxmi #Kld #kumarishayari #Pocket #SAD #loveshayari #gajal 
#together
लबो पे खमोशी आैर आखोँ मे खुमार छाया है।
खैर, खबर ना आये वे कभी,
 पर उनकी याद ने बडा रुलाया है।
आंखों की टपकन को कोई पूछें तो,
 मेरी इस  मायुशी का राज कोई बूझे तो,
जख्म पे जख्म अत्फ होते है।
बिखरे बिखरे से दिन और रातों में रोते हैं।
आहट करती है मुस्कुराहट उसकी,
पल-पल फिक्र में जिक्र का साया है।
लबों पर खामोशी और आंखो में खुमार छाया है।

©Kumari Laxmi #kumarilaxmi #Kld #kumarishayari #Pocket #SAD #loveshayari #gajal 
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Kumari Laxmi

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