ये तूफान क्यों उठा है, उजड़े चमन में क्या वो आंधीयों से, दोस्ती कर लिए हैं इश़्क का कोई मजहब नहीं है क्या खुदा ने, भगवान से मोहब्बत कर लिए है ये लकीरें किसने खींची हैं, जात-पात, धर्म की क्या गीता को कुरान से, मोहब्बत करने की इजाजत नहीं है आज इश़्क हारा है, धर्म जीता है धर्म के कत्ल का इल्जाम, खुदा के सर आया है ये जमाना आज दिल खोलकर मुस्कुराया है इसने एक दिल, एक जान को, हिन्दू और मुस्लिम बनाया है। ©M.S.R. Aditya Dhanraj #msradityadhanraj #msrad #life