जाने क्या-क्या बोल रहा था सरहद प्यार किताबें खून कल मेरी नींदों को छुपकर जाग रहा था जाने कौन मैं उसकी परछाई हूं या वो मेरा आईना है मेरे ही घर में रहता है मेरे जैसा जाने कौन... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #शिलालेख