गुमान हे ! मानव मतकर गुमान इस चंचल,कंचन,नश्वर काया की , तुम सूखे पत्तो के माफ़िक जला दिए जाओगे । नाम रहेगा काम रहेगा शेष बचा इस धरती पर , तत्वरूप अवशेष अस्थि संग मिटा दिए जाओगे । क्यो सत्य विमुख है,जब मन मस्तिष्क संज्ञान है , ज्ञात में अज्ञात व्यक्ति रूप में भुला दिए जाओगे । हे!जनसाधारण तुम धर्म,कर्म के लोभी बनो वरना , फलस्वरूप नाममात्र दीवारों पर लटकाए जाओगे । " कवि राहुल पाल " #gumaan हे ! मानव मतकर गुमान इस चंचल,कंचन,नश्वर काया की तुम सूखे पत्तो के माफ़िक जला दिए जाओगे । नाम रहेगा काम रहेगा शेष बचा इस धरती पर तत्वरूप अवशेष अस्थि संग मिटा दिए जाओगे । क्यो सत्य विमुख है,जब मन मस्तिष्क संज्ञान है ज्ञात में अज्ञात व्यक्ति रूप में भुला दिए जाओगे ।