ख्वाहिशें रोप दी जाती है खेतों में धान की तरह. मानो ये एक दिन ज़मी को आसमाँ कर देंगी जिसमे उग आएंगे चाँद-तारे. यूं तो सपने भी बोए जाते है आँखों मे जिसको सींचा जाता है ... हर रात सुब्ह होने तक. ~नीरज @neerajthepoet ख्वाहिशें रोप दी जाती है खेतों में धान की तरह मानो ये एक दिन ज़मी को आसमाँ कर देंगी जिसमे उग आएंगे चाँद-तारे. यूं तो सपने भी बोए जाते है आँखों मे जिसको सींचा जाता है हर रात सुब्ह होने तक. ~नीरज