आपको शायरी आ रही है कुछ अजीब लगे मगर सेंटर ऑफ़ साइंस एंड एनवायरमेंट की खाली रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के सात अरब की खानपान की आदतें व्यस्त गैस के 21 से 37% तक उत्तर देने की जरूरत है यह रिपोर्ट बताती है कि परिवार 14% इमारतों में ऊर्जा के उपयोग 16% उद्योग में 21% बिजली उत्पादन 25% से ज्यादा हमारी खाद प्रणाली से ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन होता है सभी ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन इनमें का क्षेत्र का योगदान 21 से 37% है जिसका तकरीबन आधा मास उत्पादन से होता है भूमि और जल के दोहन से भी इसका गहरा संबंध है लेकिन अजीब बात यह है जब ग्लोबल वार्निंग की बात होती है तो केवल कारों की बात की जाती है मांस खाने वालों की नहीं कई हाल है वैज्ञानिक शोध मांसाहारी को जलवायु परिवर्तन से जोड़ते हैं उनका सारांश यही रहा है कि मांसाहारी से दुनिया के कार्बन फुटप्रिंट पर गहरा असर पड़ता है वही मांसाहारी से तमाम अन्य बीमारियां का जोखिम बढ़ता है अमेरिका की मियामी यूनिवर्सिटी में दर्शन शास्त्र के प्रवचन एवं फिलॉस्फर एंड लैमिनेशन लाइक अस जैसी किताबों के लेखक मार्क रोलेंस ने चेतना और पशु अधिकारी संबंध अपने शोध के जरिए बताएं कि मांसाहार कोविड-19 से भी अधिक बुरी नतीजे से ला सकता है कहते हैं कि मुझे लगता है कि लोगों को यह समझने की जरूरत है कि मांसाहार से उनके अपना कितना नुकसान कर लिया है मांसाहार के कारण बड़े पैमाने पर जंगल काटे जा रहे हैं और इस धरती के लिए एक बड़ा संकट प्रकट हो रहा है ©Ek villain #थाली में छुपा है धरती बचाने का राज #youandme