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था जब से दादाजी चले गए थे वह रात दिन दरवाजे पर टकट

था जब से दादाजी चले गए थे वह रात दिन दरवाजे पर टकटकी लगाए रखता था जैसे ही दरवाजे पर आवाज सुनाई देती वाह भाग कर आता था उसका दादाजी बिना मन नहीं लग रहा था लगता भी तो कैसे वह उनकी साथ घूमने जाता था उनके साथ खेलता था एक दिन उसका इंतजार खत्म हुआ और दादाजी घर आ गए और टफी ने आज ही खाना खाया

©kunti sharma
  #वफादार