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ख्वाहिशों के शहर में इक पंरिदे ने कदम रखा उड़ने स

ख्वाहिशों के शहर में इक पंरिदे ने 
कदम रखा
उड़ने से पहले ज़ालिम ज़माने उसके पर काट दिये
ढूँढ रहा सुकून बडी़ सिद्द्त से इसका 
दिल बेचारा
परेशानियों के खंजर को ज़ालिम ज़माने इस दिल 
मार दिया
क्या करे अब ये बेचारा 
कैद में रहकर इसने भी मरते हुए जीना सीख लिया

©writer....Nishu...
  #ज़ालिम ज़माना

#ज़ालिम ज़माना

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