मुझे शोंक है अपने रँग में रहने का मैं गरूर ए नज़ाकत नही रखती मेरी बातें ही काफ़ी हैं दिल चुराने को मैं यू ही किसी के रँग में नही ढ़लती #नज़ाकत #रँग #आदत